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Showing posts from April, 2018

शुक्रवार 27 अप्रैल को भी जारी रहा विश्वविद्यालय छात्रसंघ पर चल रहा क्रमिक अनशन।

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अकादमिक जस्टिस संयुक्त संघर्ष मोर्चा समिति के तत्वावधान में जारी आंदोलन का आज 23 वा दिन था यद्यपि एमएचआरडी और यूजीसी ने तथा सरकार की तरफ से एसएलपी दायर कर दी गई है किंतु संबंधित मामलों में अभी तक कोई संतोषजनक और प्रभावशाली परिणाम सामने नहीं आया है आज के आंदोलन में डॉ के के यादव ने कहां कि सरकार विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय के मुद्दों पर बिल्कुल निष्क्रिय रुख अख्तियार कर के बैठी है क्योंकि उन्हें लगता है की यहां वोट की राजनीति को सक्सेसफुल नहीं बना सकते ऐसा इसलिए है क्योंकि बौद्धिक वर्ग जान चुका है कि उसकी बुनियादी आवश्यकता के लिए वर्तमान सरकार ध्यान नहीं दे रही है। सिर्फ और सिर्फ जुमलेबाजी ही विगत 4 सालों में देखने को मिला है।  डॉ अजय अहिरवार ने बताया कि जब पुरानी व्यवस्था लागू थी उस वक्त भी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ब्राह्मणवादी तंत्र अपनी कुटिलता से बाज नहीं आता था और पिछड़ा वर्ग तथा दलित वर्ग की सीटों को खाली छोड़ दिया जाता था और कहा जाता था कि कोई योग्य प्रतिभागी ना मिलने के कारण ऐसा किया गया तो ऐसी स्थिति में जब हमारी सीट ही नहीं रहेगी तो हमें जनरल कैट...

यूजीसी सर्कुलर के विरुद्ध आंदोलन 22 वे दिन भी रहा जारी ।

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ भवन पर  यूजीसी के 5 मार्च के सर्कुलर के विरुद्ध चल रहे क्रमिक अनशन के 22 वे दिन भी जारी रहा।  आंदोलनकारियों का कहना है कि यूजीसी ने  5 मार्च के सर्कुलर के द्वारा यूनिवर्सिटी और कॉलेज में रिजर्वेशन निष्प्रभावी बना दिया है। जिससे संबंधित संवर्ग की सीटें बहुत कम या फिर नगण्य हो जाएंगी। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं रंजीत सरोज ने कहा कि शासन को चाहिए कि सभी विश्वविद्यालयों को यह सूचित करें कि विश्वविद्यालयों में हो रही भर्तियों पर रोक लगाएं जब तक संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता। उन्होंने कुछ मुख्य मांगे भी रखी इस प्रकार है: 1. UGC के 5 मार्च 2018 को जारी किए गए सर्कुलर को तुरंत निरस्त करें। 2.सर्वप्रथम बैकलॉग की सीटों को विज्ञापित किया जाए और उन पर नियुक्तियां की जाएं  । 3. भारत के सभी विश्वविद्यालयों में 5 मार्च के UGC के सर्कुलर के अनुसार वर्तमान में चल रही असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की भर्तियों पर तत्काल रोक लगा दी जाए । 4. इसके लिए केंद्र सरकार संसद में एक बिल पेश कर आरक्षण पर...

क्रमिक अनशन के 21वें दिन यूजीसी एमएचआरडी का पुतला दहन।

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन पर अकादमिक जस्टिस संयुक्त संघर्ष मोर्चा समिति के तत्वावधान में जारी क्रमिक अनशन का  आज 21वां दिन था आज छात्रों ने यूजीसी और एमएचआरडी का पुतला दहन करके रोष प्रकट किया और कहा कि हम लगातार क्रमिक अनशन पर बैठे हैं ताकि सरकार हमारी बात को सुने और हमें न्याय दे किंतु 20 अप्रैल कि नोटिस निकालकर यूजीसी ने छात्रों में भ्रम फैलाने का काम किया   कि  रोस्टर व्यवस्था पूर्व की भांति लागू की गई है जबकि नोटिस में ऐसा कुछ भी नहीं  था । अनशन का नेतृत्व कर रहे रंजीत सरोज ने बताया कि यद्यपि सरकार ने एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में दायर जरूर  कर दी है किंतु ध्यान देने वाली बात यह है कि वह  किस प्रकार अपना मत रखती है। एक तरफ जब एसएलपी दायर कर दी गई है तो यूजीसी को चाहिए कि वह एक गाइडलाइन जारी कर भारत के सभी विश्वविद्यालयों में चल रही भर्तियों पर कोर्ट का डिसीजन आने  रोक लगा दे, किंतु सरकार ऐसा नहीं कर रही है इसलिए संदेह बना हुआ है । स्टूडेंट लीडर अरविंद सरोज ने कहा कि सरकार ट्रायल के तौर पर सबसे पहले विश्वविद्या...

यूजीसी ने जारी किया गुमराह करने वाला नोटिस छात्रों का आंदोलन हुआ तेज़ 19 वे दिन भी रहा जारी।

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छात्र संघ भवन पर जारी आंदोलन के 19 वे दिन छात्रों का गुस्सा तब सातवें आसमान पर पहुंच गया जब 20 अप्रैल  को जारी किए गए नोटिस को लोगों ने पढ़ा और समझा अनशन कर रहे छात्रों ने कहा कि एमएचआरडी और UGC दोनों ही SC ST OBC के छात्रों को बेवकूफ समझ रही है वह यह नोटिस जारी करके बताना चाह रही है कि उसने पुरानी व्यवस्था लागू कर दी है जबकि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है उन्होंने सिर्फ और सिर्फ इतना कहा है की आरक्षण गलत तरीके से लागू ना किया जाए इस संबंध में सारे विश्वविद्यालयों को सूचना दी गई है किंतु यह कतई नहीं कहा है कि 5 मार्च को जारी किए गए सर्कुलर रोस्टर को निरस्त कर दिया गया है और वर्तमान समय में हो रही सहायक प्रोफेसरों की भर्तियों को रोक दिया गया है या पुरानी प्रणाली को लागू करके भर्तियां की जाएं सरकार दोहरे मानदंड अपना रही एक तरफ ऐसे संवर्गों की हितैषी बनने का कार्य कर रही है तो दूसरी तरफ उनकी जड़ को काटने में लगी हुई और गलत अफवाह फैलाई जा रही हैं सरकार ने पुरानी व्यवस्था लागू कर दी है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रंजीत सरोज ने कहा कि UGC or MHRD शायद यह समझते होंगे कि दलितों ...

UGC रोस्टर सर्कुलर के विरुद्ध चल रहे आंदोलन का आज 16 वा दिन

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विश्वविद्यालय इलाहाबाद के छात्र संघ भवन पर अकादमिक जस्टिस संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में जारी क्रमिक अनशन का  आज 16 वा दिन था। सभी शोध छात्र क्रमिक अनशन पर पूरी तन्मयता के साथ लगे हुए हैं उन्हें यह आत्मविश्वास है कि आंदोलन का सुखद परिणाम जल्द ही दिखाई देगा ध्यातव्य हो कि 20 अप्रैल को यूजीसी ने एक नोटिस के माध्यम से सभी को गुमराह करने का प्रयत्न किया है जिसमें उसने कहा है कि गलत रिजर्वेशन पॉलिसी न लागू होने पाए किंतु उसने कतई नहीं कहा की विश्वविद्यालय को यूनिट मानकर भर्तियां की जाएंगी यद्यपि सारे विश्वविद्यालयों को यूजीसी ने अवगत कराया है कुछ विश्वविद्यालय अपने यहां चल रही भर्ती प्रक्रिया को एसएलपी के निर्णय आने तक होल्ड पर रख दिया है किंतु अभी भी बहुत से विश्वविद्यालय जिसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय भी शामिल है ऐसी कोई नोटिस अपने विद्यालय वेबसाइट पर जारी नहीं की है  आज के आंदोलन में वरिष्ठ छात्र अमरजीत चक्रवर्ती  ने बताया कि स्कॉलर्स फार रिप्रजेंटेशन के  समन्वयक रंजीत सरोज दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित उच्च शिक्षा में प्रतिनिधित्व के सवाल पर आयोजित मीट...

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के रोस्टर सर्कुलर के विरुद्ध आंदोलन के पंद्रहवें दिन लोकसभा सांसद (फूलपुर ) अनशन स्थल पहुंचे

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ भवन पर  यूजीसी के 5 मार्च के सर्कुलर के विरुद्ध चल रहे क्रमिक अनशन के  पंद्रहवें दिन  लोकसभा सांसद  नागेंद्र प्रताप सिंह  अनशन स्थल पर पहुंचे। आज अनशन स्थल पर सैकड़ों की संख्या में छात्र और शोधार्थी  उपस्थित थे। सांसद जी ने कहा कि कि हम छात्रों और शोधार्थियों के विरुद्ध अन्याय नहीं होने देंगे।  यूजीसी ने  5 मार्च के सर्कुलर के द्वारा यूनिवर्सिटी और कॉलेज में रिजर्वेशन निष्प्रभावी बना दिया है।मोदी सरकार  एक साजिश के तहत इस मुद्दे पर अध्यादेश लाने की जगह   कोर्ट चली गई  और इस बीच यूनिवर्सिटियां युद्धस्तर पर नियुक्तियां कर रही हैं ताकि डेट लेने और देने के खेल के बीच में इतनी नौकरियां दे दी जाएं कि अगले पांच-दस साल तक न नौकरी रहे न रिजर्वेशन। मोदी सरकार की वंचित समुदाय के विरुद्ध साजिश को बेनकाब करते हुए उन्होंने कहा कि जब मोदी सरकार सर्वोच्च न्यायालय के जलीकट्टू के मामले में आदेश को खत्म करने के लिए तुरंत अध्यादेश ला सकती थी तो इस मामले में अध्यादेश क्यों नहीं लाई? सांसद जी ने कहा कि ज...

केंद्र सरकार UGC सर्कुलर रोस्टर पर लाये अध्यादेश।

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यूजीसी सर्कुलर के विरुद्ध चल रहे क्रमिक अनशन के 12 वे दिन प्रधानमंत्री कार्यालय से आया पत्र।

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ भवन पर अकादमिक जस्टिस संयुक्त संघर्ष मोर्चा समिति के तत्वाधान में 5 अप्रैल से चल रहा क्रमिक अनशन आज 12 वे दिन भी जारी रहा । अनशन कर रहे शोध छात्र स्कॉलर्स फ़ॉर रिप्रजेंटेशन के  समन्वयक रंजीत कुमार सरोज  ने कहा कि आज प्रधानमंत्री कार्यालय  और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा  पत्र  छात्रसंघ अध्यक्ष  अवनीश यादव को प्राप्त हुआ  जिसमें यह आश्वासन दिया गया है  कि  अविलंब  यूजीसी के  आरक्षण रोस्टर सर्कुलर  के मुद्दे पर  कार्यवाही की जाए। इसके साथ ही आज क्रमिक अनशन कर रहे अन्य सदस्यों के साथ डॉ   अंबेडकर पर चर्चा करते हुए  रंजीत सरोज ने कहा कि अंबेडकर का जीवन ही उनका दर्शन है अर्थात जैसे बाबा साहब ने अपने जीवन में कई तरह के अत्याचारों और जिल्ल्तों के बाद भी राष्ट्र निर्माण के कार्य में आखरी दम तक योगदान दिया उसी तरह आज के युवाओं को भी पूरी उर्जा के साथ अन्याय, शोषण, और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष को विरुद्ध जारी रखना होगा। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि शिक्षा प्रणाली राष...

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के रोस्टर सर्कुलर के विरुद्ध आंदोलन का आठवां दिन।

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आज क्रमिक अनशन के आठवे दिन अखिल भारतीय अंबेडकर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश कुमार गौतम जी ने अकादमिक जस्टिस संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में चल रहे आंदोलन को अपना समर्थन दिया ।उन्होंने कहा कि दिन प्रतिदिन देश में एकेडमिक हत्याओं का दौर चल रहा है लेकिन सरकार इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है उन्होंने यूजीसी के द्वारा जारी सर्कुलर को ब्राह्मणवादी मानसिकता से प्रेरित बताया और आंदोलन को मजबूत करने  तथा सामाजिक न्याय के लिए छात्रों की प्रतिबद्धता  की सराहना की और सभी छात्रों को एकजुट होकर यूजीसी सर्कुलर के खिलाफ लड़ाई लड़ने  का आह्वान किया । इसी क्रम में प्राचीन इतिहास विभाग के शोधछात्र मनोज यादव ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकार की नीतियां बिल्कुल विफल हो चुकी हैं। दोनों ही सरकारों के पास कोई विजन नहीं है। देश में अराजकता का माहौल व्याप्त है शिक्षा स्वास्थ्य  रोजगार इन सब पर सरकार का कोई फोकस नहीं है सरकार सिर्फ बहुत ही तुच्छ मुद्दों को लेकर अपनी राजनीति करने में लगी हुई है । कभी गाय के नाम पर कभी मुस्लिमों के नाम पर कभी वंचितों व पिछड़ों के नाम पर ए...

क्रमिक अनशन के सातवें दिन छात्र संगठनों ने यूजीसी और एमएचआरडी का पुतला दहन किया

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आज क्रमिक अनशन के सातवें दिन आधुनिक भारत के निर्माता और वंचितों के मसीहा महात्मा ज्योतिराव फुले की जयंती पर उन्हें शत शत नमन करते हुए उनके विचारों के बारे में व्याख्यान दिया गया। एडवोकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अजीत भास्कर ने कहा कि आज हम यह प्रतिज्ञा लेते हैं कि जब तक महात्मा फुले के समतामूलक समाज के सपने को पूरा नहीं किया आएगा तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। अमरजीत चक्रवर्ती ने  कहा कि ज्योतिबा फुले के सपने को बाबासाहेब आंबेडकर ने आगे बढ़ाते हुए समतामूलक समाज स्थापित करने के लिए संविधान में  आरक्षण व्यवस्था प्रदान की है परंतु केंद्रीय सरकार न केवल आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करना चाहती है बल्कि बाबासाहेब के बनाए हुए संविधान को भी खत्म कर देना चाहती है। छात्रसंघ अध्यक्ष  अवनीश कुमार यादव ने कहा कि ugc का 5 मार्च का सर्कुलर एक ऐसे भारत की कल्पना करता है जिसमें एससी एसटी और ओबीसी के नव युवकों को नौकरी नहीं दी जाएगी और उन्हें पकौडे की दुकान ही लगानी पड़ेगी। स्कॉलर्स  फ़ॉर  रिप्रजेंटेशन  के समन्वयक  रंजीत कुमार सरोज ने कहा कि रोस्टर प्रणाली क...