यूजीसी सर्कुलर के विरुद्ध आंदोलन 22 वे दिन भी रहा जारी ।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ भवन पर यूजीसी के 5 मार्च के सर्कुलर के विरुद्ध चल रहे क्रमिक अनशन के 22 वे दिन भी जारी रहा। आंदोलनकारियों का कहना है कि यूजीसी ने 5 मार्च के सर्कुलर के द्वारा यूनिवर्सिटी और कॉलेज में रिजर्वेशन निष्प्रभावी बना दिया है। जिससे संबंधित संवर्ग की सीटें बहुत कम या फिर नगण्य हो जाएंगी।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं रंजीत सरोज ने कहा कि शासन को चाहिए कि सभी विश्वविद्यालयों को यह सूचित करें कि विश्वविद्यालयों में हो रही भर्तियों पर रोक लगाएं जब तक संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता। उन्होंने कुछ मुख्य मांगे भी रखी इस प्रकार है:
1. UGC के 5 मार्च 2018 को जारी किए गए सर्कुलर को तुरंत निरस्त करें।
2.सर्वप्रथम बैकलॉग की सीटों को विज्ञापित किया जाए और उन पर नियुक्तियां की जाएं ।
3. भारत के सभी विश्वविद्यालयों में 5 मार्च के UGC के सर्कुलर के अनुसार वर्तमान में चल रही असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की भर्तियों पर तत्काल रोक लगा दी जाए ।
4. इसके लिए केंद्र सरकार संसद में एक बिल पेश कर आरक्षण पर एक अधिनियम बनाएं।
5.अधिनियम बनने तक केंद्र सरकार और उ.प्र. .सरकार एक अध्यादेश जारी करें जिसमें यह प्रावधान हो शैक्षणिक संस्थानों को पूर्व की भांति संस्थान को यूनिट मानकर आरक्षण रोस्टर किया जाएगा।
आज के क्रमिक अनशन में रंजीत सरोज अरविंद सरोज अखिलेश गुप्ता उर्फ गुड्डू अमरजीत चक्रवर्ती अनिरुद्ध कुमार सिंह प्रदीप रावत अजय कुमार गोविंद निषाद अनुज अभय अंकुर यादव मनोज तिवारी शिरीष तिवारी उपस्थित थे।
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