UGC रोस्टर सर्कुलर के विरुद्ध चल रहे आंदोलन का आज 16 वा दिन


विश्वविद्यालय इलाहाबाद के छात्र संघ भवन पर अकादमिक जस्टिस संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में जारी क्रमिक अनशन का  आज 16 वा दिन था। सभी शोध छात्र क्रमिक अनशन पर पूरी तन्मयता के साथ लगे हुए हैं उन्हें यह आत्मविश्वास है कि आंदोलन का सुखद परिणाम जल्द ही दिखाई देगा ध्यातव्य हो कि 20 अप्रैल को यूजीसी ने एक नोटिस के माध्यम से सभी को गुमराह करने का प्रयत्न किया है जिसमें उसने कहा है कि गलत रिजर्वेशन पॉलिसी न लागू होने पाए किंतु उसने कतई नहीं कहा की विश्वविद्यालय को यूनिट मानकर भर्तियां की जाएंगी यद्यपि सारे विश्वविद्यालयों को यूजीसी ने अवगत कराया है कुछ विश्वविद्यालय अपने यहां चल रही भर्ती प्रक्रिया को एसएलपी के निर्णय आने तक होल्ड पर रख दिया है किंतु अभी भी बहुत से विश्वविद्यालय जिसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय भी शामिल है ऐसी कोई नोटिस अपने विद्यालय वेबसाइट पर जारी नहीं की है

 आज के आंदोलन में वरिष्ठ छात्र अमरजीत चक्रवर्ती  ने बताया कि स्कॉलर्स फार रिप्रजेंटेशन के  समन्वयक रंजीत सरोज दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित उच्च शिक्षा में प्रतिनिधित्व के सवाल पर आयोजित मीटिंग में गए हुए हैं जल्द ही वापसी कर वह अपना स्थान ग्रहण करेंगे । उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग केंद्र सरकार के  प्रभाव में हैं और सामाजिक न्याय का, प्रतिनिधित्व जैसे संवेदनशील मुद्दे पर आज  ध्यान ना देते हुए जो केंद्र सरकार कह रही है उसी के अनुरूप विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी कर रही है यह कहीं ना कहीं संविधान की मूल भावना को आहत करने जैसा है ।



डॉ अजय अहिरवार ने कहा कि शोषित वंचित पिछड़ा वर्ग के साथ विश्वविद्यालय एक लंबे समय से उपेक्षित जैसा व्यवहार करता आया है किंतु अब यह तबका पढ़ लिख कर जागरूक हो गया है और अपने अधिकारों को छीनने के लिए भी तैयार हो चुका है उन्होंने कहा कि हम किसी से भीख नहीं मांगते मानते हम अपना अधिकार मांगते हैं । हमको हमारी हिस्सेदारी चाहिए और उसे हम लेकर रहेंगे। 


डॉ कमल किशोर यादव ने  कहां कि  वर्तमान समय में  उच्च शैक्षणिक संस्थानों में  निकल रही  विज्ञप्तियां  किसी से छुपी नहीं है  और  उसमें सरकार की नीति तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नीति  स्पष्ट रूप से  दलित पिछड़े  समुदाय   
के लिए  विरोधी मानसिकता  को दर्शाता है । आज के समय में उच्च शैक्षणिक संस्थानों में ज्यादातर कुलपति उपकुलपति  प्रिंसिपल  प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर सभी जगह  15 फ़ीसदी आबादी वाले लोगों का ही बाहुल्य है  और  85 फिसदी जनसंख्या वाले  समुदाय का नेतृत्व  लगभग 7 से 8% के बीच ही हैं  जो कि  एक अन्याय पूर्ण  कृत्य है  इसके खिलाफ  हमें एकजुट होकर  आंदोलन को  तेज धार देनी होगी जिससे हमारे  प्रतिनिधित्व  को तेजी से बढ़ाया जा सके,  उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए  कहा कि जिसकी जितनी भागीदारी  उतनी उसकी हिस्सेदारी  ।



आज के क्रमिक आंदोलन में  वरिष्ठ छात्र  अमरजीत चक्रवर्ती डॉ अजय अहिरवार  डॉ कमल किशोर यादव  हिमांशु अजय यादव अल्तमस विजय सरोज विजय यादव परमात्मा अजय कुमार गोविंद निषाद आदि सम्मिलित थे।

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