केंद्र सरकार UGC सर्कुलर रोस्टर पर लाये अध्यादेश।
आज क्रमिक अनशन के तेरहवें दिन स्कॉलर्स फार रिप्रजेंटेशन के समन्वयक रंजीत सरोज ने यह मांग की कि केंद्र की बीजेपी सरकार अपने आप को दलितों पिछड़ों का हितैषी बताती है तो एसएलपी दायर करने की जगह वह एक अध्यादेश ले आ सकती थी । जिसमें यह प्रावधान हो होता कि विश्वविद्यालय को यूनिट मान करके भारत के सभी विश्वविद्यालय अपने यहां शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति करें यह पहला मौका नहीं है कि जब प्रतिनिधित्व जैसे संवेदनशील मामले पर कोई अध्यादेश आया हो इससे पहले कांग्रेस सरकार ने जब प्रमोशन आरक्षण विधेयक समाप्त कर दिया था तो एसएलपी दायर करने की जगह सीधे अध्यादेश लागू कर दिया था ज्ञातव्य हो कि लगातार बीजेपी के सांसदों एवं प्रवक्ताओं द्वारा यह कहा जाता है कि वह वंचितों शोषितों पिछड़ों दिव्यांगों के साथ मजबूती से खड़ी है किंतु व्यवहार में इसके बिल्कुल विपरीत नजरिया दिखाई दे रहा है यह तो ऐसे ही है जैसे "मुंह में राम बगल में छुरी कब पाई कब काटी मूड़ी"
शोध छात्र बेचन यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति युद्ध स्तर पर की जा रही है इतनी जल्दबाजी विश्वविद्यालयों की मनुवादी सोच का परिणाम है क्योंकि कोर्ट में एसएलपी पर अगले दिन की तारीख दे दी जाएगी और मामले को अटका के रखा जाएगा तब तक सभी विश्वविद्यालय अपने यहां भर्तियां कर चुके होंगे उस समय अध्यादेश लाने का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा ।
वरिष्ठ छात्र अमरजीत चक्रवर्ती ने कहा कि सरकार आंदोलनकारियों को हल्के में ना लें यह भारत के भविष्य निर्माण तथा वंचित तबके के प्रतिनिधित्व का संवेदनशील मामला है यदि अध्यादेश जल्द ही नहीं लाया गया तो 2 अप्रैल की तरह सभी वंचित शोषित पिछड़े पुनः मिलकर भारत बंद करने का काम करेंगे और 2019 में तत्कालीन सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेंगे । हमारे मीडिया प्रभारी विजय यादव ने बताया कि कल 12:00 से 1:00 बजे के बीच पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुश्री ऋचा सिंह अनशनकारियों से मिलने अनशन स्थल पर आने वाली है।
आज के आंदोलन में रंजीत कुमार सरोज अमरजीत चक्रवर्ती अजय कुमार बेचन यादव आदिल हमजा अरविंद सरोज अवनीश यादव राजेश यादव गोविंद विजय सरोज प्रदीप सुशील राहुल पटेल आदि उपस्थित थे।
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