क्रमिक अनशन के 21वें दिन यूजीसी एमएचआरडी का पुतला दहन।



इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन पर अकादमिक जस्टिस संयुक्त संघर्ष मोर्चा समिति के तत्वावधान में जारी क्रमिक अनशन का  आज 21वां दिन था आज छात्रों ने यूजीसी और एमएचआरडी का पुतला दहन करके रोष प्रकट किया और कहा कि हम लगातार क्रमिक अनशन पर बैठे हैं ताकि सरकार हमारी बात को सुने और हमें न्याय दे किंतु 20 अप्रैल कि नोटिस निकालकर यूजीसी ने छात्रों में भ्रम फैलाने का काम किया   कि  रोस्टर व्यवस्था पूर्व की भांति लागू की गई है जबकि नोटिस में ऐसा कुछ भी नहीं  था ।




अनशन का नेतृत्व कर रहे रंजीत सरोज ने बताया कि यद्यपि सरकार ने एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में दायर जरूर  कर दी है किंतु ध्यान देने वाली बात यह है कि वह  किस प्रकार अपना मत रखती है। एक तरफ जब एसएलपी दायर कर दी गई है तो यूजीसी को चाहिए कि वह एक गाइडलाइन जारी कर भारत के सभी विश्वविद्यालयों में चल रही भर्तियों पर कोर्ट का डिसीजन आने  रोक लगा दे, किंतु सरकार ऐसा नहीं कर रही है इसलिए संदेह बना हुआ है ।





स्टूडेंट लीडर अरविंद सरोज ने कहा कि सरकार ट्रायल के तौर पर सबसे पहले विश्वविद्यालयों को चुना है जब यहां यह सक्सेसफुल हो जाएंगे उसके बाद यूपीएससी और यूपीपीएससी, साथ ही अन्य सभी राज्य लोक सेवा आयोग में भी विभागवार रोस्टर प्रणाली जारी की जाएगी । जिससे OBC SC ST आदि संवर्गों पर इसका असर पड़ेगा और वह नौकरी से वंचित होंगे।



शोध छात्र बेचन यादव ने कहा कि यूजीसी सरकार के दबाव में काम कर रही है और स्वतंत्र निर्णय नहीं ले पा रही है । डॉ कमल किशोर यादव ने कहा कि हमें मिलकर लड़ना होगा सौर समुदाय के सभी  शोधार्थियों को आंदोलन में शरीक होना चाहिए जिससे सरकार पर दबाव बनाया जा सके डॉ अनिरुद्ध ने कहा कि हम तब तक अनशन जारी रखेंगे जब तक सरकार 5 मार्च के फरमान को वापस नहीं ले लेती और पूर्व की व्यवस्था को लागू नहीं कर देती


 डॉ अजय अहिरवार ने कहा कि हम पीएचडी की डिग्री ले कर भी क्या करेंगे जब हमारे लिए सीट ही नहीं रहेगी तो यह हमारे कूड़े के बराबर हैं और यदि सरकार जल्द ही इस पर अध्यादेश नहीं लाती तो हम सभी सुधारती शोधार्थी अपनी पीएचडी की डिग्री को भी जलाने का कार्य करेंगे  छात्र नेता जाबिर रजा उर्फ इलाहाबादी  ने कहा कि  केंद्र सरकार  पूरी तरीके से वंचित तबके के छात्रों को  शिक्षा से  और शैक्षणिक संस्थाओं से  बेदखल करना चाहती है  इसीलिए  वह इस प्रकार की नीतियां बना रही है जिससे भविष्य में  कोई भी संबंधित संवर्ग का व्यक्ति  नेतृत्व न प्राप्त कर सके ।
आज के आंदोलन में 50 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।



आज के आंदोलन में रंजीत सरोज सुशील भारती ओमकार यादव जाबिर रजा इलाहाबादी अरविंद सरोज गोविंद सिंह अजय अहिरवार सनी सिंह प्रहलाद सरोज प्रतीक डॉक्टर कमल किशोर यादव देवेंद्र गिरी निशांत यादव सहित लगभग 50 छात्र मौजूद थे।

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