" यूजीसी के 5 मार्च 2018 के 13 पॉइंट रोस्टर के विरुद्ध 200 पॉइंट रोस्टर पर अध्यादेश आने पर छात्रसंघ पर लड़ाई लड़ रहे अनशन कारियों द्वारा एक दूसरे को मिठाई खिला कर किया ख़ुशी का इजहार"
आज 8 मार्च को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन के सामने अकादमिक जस्टिस संयुक्त मोर्चा समिति तथा शोधार्थी अधिकार मंच के शोध छात्रों ने यूजीसी के विभागवार और विषयवार 13 पॉइंट रोस्टर आरक्षण प्रणाली के विरुद्ध अपनी जीत पर खुशी का इज़हार करते हुए एक दूसरे को मिठाई खिलाई ! इलाहाबाद में 50 दिनों तक क्रमिक अनशन चलाने वाले शोधार्थी रंजीत कुमार सरोज ने कहा कि 13 पॉइंट रोस्टर से ओबीसी,एससी,एसटी के उच्च शैक्षिक संस्थाओं में प्रतिनिधित्व पर अत्यधिक कमी हो रही थी जो संविधान की सामाजिक न्याय की मूल भावना के विपरीत थी। उसे ऑर्डिनेंस लाकर सरकार ने एक अच्छा कदम उठाया है हम इसकी सराहना करते हैं। किंतु हमारी यह मांग है कि इसे एक्ट में परिवर्तित किया जाए और नवी अनुसूची में डाला जाए । जिससे की भविष्य में इस पोस्टर के साथ कोई छेड़छाड़ ना की जा सके । उन्होंने यह भी कहा कि यह सामाजिक न्याय की जीत है जिसमें आंदोलन की रूपरेखा का श्रेय उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ० आलोक प्रसाद तथा असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० विक्रम हरिजन को दिया। जिन्होंने इस आंदोलन के लिए पृष्ठभूमि तैयार करके दी इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है साथ ही उन्होंने उन तमाम न्याय पसंद छात्रों और छात्र नेताओं जिन्होंने आंदोलन को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सहयोग किया उन्हें भी धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा यह उनकी अकेले की जीत नहीं है यह वंचित समाज के जीत है । शोधछात्रो तथा पी०जी० के छात्रों का आंदोलन में विशेष योगदान रहा उन्होंने उनका भी धन्यवाद ज्ञापित किया।उन्होंने घोषणा कि जल्द ही एक नया आंदोलन चलाएंगे जिसमें 30 पॉइंट रोस्टर के हिसाब से जितनी भी वैकेंसी विश्वविद्यालयों में भरी गई है उन्हें निरस्त करते हुए 200 प्वाइंट रोस्टर के हिसाब से विश्वविद्यालयों में पुनः विज्ञापन किया जाए।
सामाजिक न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव गोरखनाथ यादव ने कहा कि यह अध्यादेश सामाजिक न्याय पसंद लोगों के संघर्षों का परिणाम है या कोई दया नहीं है इसके लिए पिछले 1 साल से निरंतर संघर्ष जारी रहा है ।
शोधार्थी अधिकार मंच के संयोजक शोध छात्र रामकरण निर्मल ने कहा कि वर्तमान में केंद्र में बैठी सरकार उच्च न्यायालय के माध्यम से इस तरह की चीजों को लागू करवाते हैं और बाद में उस पर लंबी जद्दोजहद करने के बाद अध्यादेश ले आते हैं जिससे संवैधानिक तंत्र तथा छात्रों के समय की बर्बादी होती है ऐसा ट्रायल एक लोकतांत्रिक सरकार को नहीं करना चाहिए जिससे अमन पसंद लोगों को परेशानी में डाला जा सके उन्होंने सभी को जीत की बधाई दी ।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उप मंत्री रहे अंकुश यादव ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और सभी छात्रों कथा सामाजिक न्याय पसंद नेताओं को इसका श्रेय भी दिया।
शोध छात्र राजेंद्र कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों में जज्बा और जुनून लाने की आवश्यकता है जिससे उन पर कभी अन्याय ना हो सके अपने मुद्दों के लिए लड़ना तथा उस पर विजय प्राप्त करना यह सिर्फ शिक्षित तथा जागृत होने की वजह से हासिल हो पाया
आज के सेलिब्रेशन में रंजीत कुमार सरोज रामकरण निर्मल गोरखनाथ यादव राजेन्द्र कुमार दीपक मौर्या राकेश कुमार अंकुश यादव उदय यादव अमित सरोज राम विलास सुशील बिंदकी ओम बिंद सोनू राव नवनीत यादव आदि मौजूद रहे।
Comments
Post a Comment