यूजीसी सर्कुलर 2018 का शोध छात्रों द्वारा व्यापक विरोध प्रदर्शन
इलाहाबाद ,14 मार्च को बालसन चौराहे की गांधी प्रतिमा के सामने स्टूडेंट फॉर रिप्रजेंटेशन तथा तथा एडवोकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में इस शासनादेश को जनविरोधी करार देते हुए UGC सर्कुलर तथा नेट / जेआरएफ की प्रतियों को जलाया गया ।
@ क्या है मामला ?? :- यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार नियुक्तियों में अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग और विकलांगों को अभी तक विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय को इकाई मानकर आरक्षण आरक्षण जाता था जिसे ने परिवर्तित कर अब विभाग को इकाई मानकर नियुक्ति करने का फरमान जारी किया है । इससे इन सभी संवर्गों का उच्च शिक्षा में भारत सरकार द्वारा दिए गए आरक्षित प्रतिशत (15%SC ,7.5% ST , 27% ओबीसी तथा 3% विकलांग ) से बहुत कम हो जाएगा।यह इसलिए होगा क्योंकि नई व्यवस्था के अंतर्गत विभागों में रिक्तियों की संख्या बहुत कम साधारणत: 4 या 5 ही होते हैं कम से कम 4 पद होने पर ओबीसी, 7 पद होने पर SC, 15 पद होने पर ST और 33 पद होने पर विकलांगों का पद आरक्षित होगा और साधारणत: विभागों में इतनी रिक्तियां होती ही नहीं है। अतः इस व्यवस्था से क्रमशः विकलांग आदिवासी, पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के अभ्यर्थियों को सबसे अधिक नुकसान होगा। ज्ञातव्य हो कि इन वर्गों के बैकलॉग पद न भरने से वर्ष 2016 -17 की UGC की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार इन वर्गोंं का शिक्षण पदों पर प्रतिनिधित्व मात्र 19% है जबकि यह 49.5% होना चाहिए । आज के प्रदर्शन में सैकड़ों छात्रों ने यह संकल्प लिया कि अगर 15 मार्च तक यूजीसी ने अपना फरमान वापस नहीं लिया तो 16 मार्च को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन पर सभी छात्रों द्वारा UGC तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पुतला दहन किया जाएगा और व्यापक पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा , आज के प्रदर्शन में शोध छात्र रंजीत कुमार सरोज , अवनीश यादव (छात्रसंघ अध्यक्ष) पंकज चौधरी मनोज यादव , विजय यादव , अजीत भास्कर (एडवोकेट ) सुनील बौद्ध , सुनील यादव , विजय सरोज ,विकास भारती , वन गोपाल सिंह , चंद्रप्रकाश निगम , अली अहमद ,देवी प्रसाद गुप्त, ब्रम्हदेव पांडे अंजुल श्रीवास्तव , अनुरुद्ध कुमार सिंह ,देवेंद्र्र गिरी ,आशीष सरोज , रत्नेश सरोज आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।
@ क्या है मामला ?? :- यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार नियुक्तियों में अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग और विकलांगों को अभी तक विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय को इकाई मानकर आरक्षण आरक्षण जाता था जिसे ने परिवर्तित कर अब विभाग को इकाई मानकर नियुक्ति करने का फरमान जारी किया है । इससे इन सभी संवर्गों का उच्च शिक्षा में भारत सरकार द्वारा दिए गए आरक्षित प्रतिशत (15%SC ,7.5% ST , 27% ओबीसी तथा 3% विकलांग ) से बहुत कम हो जाएगा।यह इसलिए होगा क्योंकि नई व्यवस्था के अंतर्गत विभागों में रिक्तियों की संख्या बहुत कम साधारणत: 4 या 5 ही होते हैं कम से कम 4 पद होने पर ओबीसी, 7 पद होने पर SC, 15 पद होने पर ST और 33 पद होने पर विकलांगों का पद आरक्षित होगा और साधारणत: विभागों में इतनी रिक्तियां होती ही नहीं है। अतः इस व्यवस्था से क्रमशः विकलांग आदिवासी, पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के अभ्यर्थियों को सबसे अधिक नुकसान होगा। ज्ञातव्य हो कि इन वर्गों के बैकलॉग पद न भरने से वर्ष 2016 -17 की UGC की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार इन वर्गोंं का शिक्षण पदों पर प्रतिनिधित्व मात्र 19% है जबकि यह 49.5% होना चाहिए । आज के प्रदर्शन में सैकड़ों छात्रों ने यह संकल्प लिया कि अगर 15 मार्च तक यूजीसी ने अपना फरमान वापस नहीं लिया तो 16 मार्च को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन पर सभी छात्रों द्वारा UGC तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पुतला दहन किया जाएगा और व्यापक पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा , आज के प्रदर्शन में शोध छात्र रंजीत कुमार सरोज , अवनीश यादव (छात्रसंघ अध्यक्ष) पंकज चौधरी मनोज यादव , विजय यादव , अजीत भास्कर (एडवोकेट ) सुनील बौद्ध , सुनील यादव , विजय सरोज ,विकास भारती , वन गोपाल सिंह , चंद्रप्रकाश निगम , अली अहमद ,देवी प्रसाद गुप्त, ब्रम्हदेव पांडे अंजुल श्रीवास्तव , अनुरुद्ध कुमार सिंह ,देवेंद्र्र गिरी ,आशीष सरोज , रत्नेश सरोज आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।
M H R D का ये सर्कुलर आरक्षण की मूल भावना के विपरीत है
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