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प्रतियोगी छात्रों की आत्महत्या

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ये भारत के भविष्य छात्रों क्यों करते हो आत्महत्या तुम्हें क्या लगता ऐसा करके मिट जाती है समस्या असफलता से ना घबराओ हिम्मत करके करो प्रयास धैर्य, स्मरण, मन में लाओ पूरी होगी दिल की आस घर वालों ने भेजा पढ़ने करके कुछ अरमान,भरोसा अगर उन्हें सुख दे न सको तो क्यों देते हो निराशा बुद्धि तुम्हारी कहां गयी थी ,क्यूं यह कदम उठाया करके समाप्त यह मानव जीवन तुमने क्या है पाया दुःख होता है हम जैसों को जब जब सुनते ऐसी बात एक प्रतियोगी छात्र ने कर ली अपने हाथों अपनी मौत रंजीत कुमार सरोज  शोधार्थी , प्राचीन इतिहास विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय..!!

" यूजीसी के 5 मार्च 2018 के 13 पॉइंट रोस्टर के विरुद्ध 200 पॉइंट रोस्टर पर अध्यादेश आने पर छात्रसंघ पर लड़ाई लड़ रहे अनशन कारियों द्वारा एक दूसरे को मिठाई खिला कर किया ख़ुशी का इजहार"

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आज 8 मार्च को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन के सामने अकादमिक जस्टिस संयुक्त मोर्चा समिति तथा शोधार्थी अधिकार मंच के  शोध छात्रों ने यूजीसी के विभागवार और विषयवार 13 पॉइंट रोस्टर आरक्षण प्रणाली के विरुद्ध  अपनी जीत पर खुशी का इज़हार करते हुए एक दूसरे को मिठाई खिलाई ! इलाहाबाद में 50 दिनों तक क्रमिक अनशन चलाने वाले शोधार्थी रंजीत कुमार सरोज ने कहा कि 13 पॉइंट रोस्टर से ओबीसी,एससी,एसटी के उच्च शैक्षिक संस्थाओं  में प्रतिनिधित्व  पर अत्यधिक कमी हो रही थी जो संविधान की सामाजिक न्याय की मूल भावना के विपरीत थी। उसे ऑर्डिनेंस लाकर सरकार ने एक अच्छा कदम उठाया है हम इसकी सराहना करते हैं। किंतु हमारी यह मांग है कि इसे एक्ट में परिवर्तित किया जाए और नवी अनुसूची में डाला जाए । जिससे की भविष्य में इस पोस्टर के साथ कोई छेड़छाड़ ना की जा सके । उन्होंने यह भी कहा कि यह सामाजिक न्याय की जीत है जिसमें आंदोलन की रूपरेखा का श्रेय उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ० आलोक प्रसाद तथा असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० विक्रम हरिजन को दिया। जिन्होंने इस आंदोलन के लिए पृ...

बहुजनो ने ललकारा है- अंबेडकर पार्क हमारा है ।

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 आज एक बार पुनः अखिल भारतीय अंबेडकर महासभा का पैनल तेलियरगंज इलाहाबाद स्थित अंबेडकर पार्क पहुंचा। साथ ही अन्य संगठनों के लोग जिसमें भारतीय विद्यार्थी मोर्चा इंकलाबी छात्र मोर्चा बहुजन चेतना मंच सभी संगठन वहां उपस्थित थे और इस बात पर चर्चा की गई की अंबेडकर पार्क में शीघ्र ही अंबेडकर प्रतिमा लगाई जाएगी और परिसर में किसी भी तरीके के मंदिर मस्जिद चर्च या गुरुद्वारा आदि के नए निर्माण कार्य नहीं कराए जाएंगे जो सार्वजनिक पार्क बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नाम पर आवंटित है वहां पर उन्हीं की प्रतिमा होनी चाहिए अखिल भारतीय अंबेडकर महासभा के प्रदेश महासचिव व पूर्वांचल प्रभारी रंजीत सरोज ने बताया कि यह सुप्रीम कोर्ट के 2013 का एक डिसीजन है जो केरल राज्य के मामले में दिया गया था किसी भी सार्वजनिक पार्क  या स्थल में कोई निर्माण जिसमें मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च आदि धार्मिक स्थल को अनुमति नहीं दी जा सकती यह फैसला जस्टिस आर एम लोढ़ा और एसजे मुखोपाध्याय द्वारा दिया गया था।  साथ ही अखिल भारतीय अंबेडकर महासभा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश गौतम ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति को उन...

@इलाहाबाद में भूख हड़ताल छठे दिन भी जारी रही , नही मिला प्रशासन से कोई आष्वासन ।

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इलाहाबाद ,अखिलभारतीय अम्बेडकर महासभा इलाहाबाद के तत्वावधान में जारी भूख हड़ताल का आज छठा दिन था। आज बहुजन अवाम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मा. उमेश चंद्र जी तथा प्रदेश महासचिव मा. मोती लाल कश्यप जी का समर्थन प्राप्त हुआ। साथ ही फ़र्जी मामलो में जेलों में बंद आर्थिक रूप से कमजोर कैदियों को रिहा कराने वाले संगठन रिहाई मंज के संयोजक और उनकी टीम के सदस्यो ने महासभा को अपना समर्थन दिया। इसी क्रम में बड़े भाई मा. राजकुमार उर्फ बच्चा पासी जी ने संगठन को मजबूती देने के सहयोग करने का आष्वासन दिया ।  अखिल भारतीय अंबेडकर महासभा सभी संगठन वह पार्टी के पदाधिकारियों का हृदय से स्वागत एवं अभिनंदन करता है। भारत सरकार से हमारी कुछ मांगे है जो निम्नलिखित है। 1. विगत 1 वर्ष से ईश्वर शरण विश्वविद्यालय छात्रावास शासन द्वारा बंद किया गया है अवगत हो कि जब से यह छात्रावास स्थापित हुआ था तब से एससी-एसटी वर्ग के छात्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा इस छात्रावास में रखे जाते थे। छात्रावास को बहाल करते हुए पुनः संचालित किया जाए जिससे संबंधित संवर्ग के हितों की रक्षा हो सके। 2. भारत सरकार द...

भूख हड़ताल के दूसरे दिन राष्ट्रीय लोकदल और भारत सहयोग संघ, भारतीय मूलनिवासी संगठन, तथा इलाहाबाद हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ का मिला समर्थन।

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अखिलभारतीय अम्बेडकर महासभा इलाहाबाद के तत्वावधान में जारी भूख हड़ताल का आज दूसरा दिन था। भारत सरकार से हमारी कुछ मांगे है जो निम्नलिखित है। 1. विगत 1 वर्षों से ईश्वर शरण विश्वविद्यालय छात्रावास शासन द्वारा बंद किया गया है अवगत हो कि जब से यह छात्रावास स्थापित हुआ था तब से एससी-एसटी वर्ग के छात्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा इस छात्रावास में रखे जाते थे। छात्रावास को बहाल करते हुए पुनः संचालित किया जाए जिससे संबंधित संवर्ग के हितों की रक्षा हो सके। 2. भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति  वर्गों के संवैधानिक अधिकार के तहत स्पेशल कंपोनेंट प्लान को देश के बजट में संबंधित वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में होना चाहिए किंतु अब तक सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। 3. SC /ST एक्ट भविष्य में कमजोर  ना किया जाए इसके लिए हमारी मांग है कि इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में डाला जाए। 4. SC /ST के प्रमोशन बिल को पास कर संविधान की 9 वी अनुसूची में डाला जाएं। 5. ओबीसी वर्ग को भारत के समस्त साधनों और संसाधनों में इनकी हिस्सेदारी भागेदारी सुनिश्चित किया जाए। 6. उच्च...

UGC सर्कुलर रोस्टर के विरुद्ध 35 वें दिन भी जारी रहा क्रमिक अनशन।

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UGC के खिलाफ चल रहा आंदोलन जारी यूजीसी के विरुद्ध इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ भवन पर जारी क्रमिक अनशन आज 35 वें दिन भी जारी रहा UGC की तरफ से कोई आदेश न पारित होने की वजह से छात्रों में व्यापक आक्रोश बना हुआ है अभी हाल ही में 7 मई को छात्रों ने एक बार पुनः यूजीसी के सर्कुलर की प्रतियों को जलाया था । जबकि  एसएलपी पर  8 तारीख को सुनवाई होनी थी लेकिन अभी तक कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है कि सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई या नहीं हुई ।न कोई केस नंबर बताया गया है ऐसी स्थिति में आंदोलनकारियों में UGC और एमएचआरडी को लेकर भारी गुस्सा व्याप्त है ।इधर विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी कोई सूचना नहीं दी है जिसमें यह कहा गया हो की विश्वविद्यालय में होने वाला सहायक प्रोफेसर का इंटरव्यू रोक दिया गया है जैसा कि विगत दिनों सांसद विनोद सोनकर ने पत्र लिखकर कुलपति महोदय को सूचित किया था की तुरंत वैकेंसी को रोक दिया जाए क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है ऐसी स्थिति में इंटरव्यू कराना उचित नहीं होगा और यह कहीं ना कहीं सामाजिक न्याय के विरुद्ध तथा संविधान विरुद्ध होगा क्रमिक अनशन के नेत...

यूजीसी के सर्कुलर के विरुद्ध चल रहे क्रमिक अनशन के 30 वें दिन प्रोफेसरों और जन प्रतिनिधियों का मिला समर्थन।

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 इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक छात्र संघ भवन पर क्रमिक अनशन का आज तीसवां दिन रहा जिसमें शोध छात्रों के साथ साथ प्रोफेसर भी शामिल दिखे। आपको बता दें कि यह क्रमिक अनशन 5 मार्च के यूजीसी सर्कुलर के विरुद्ध 5 अप्रैल से लगातार जारी है जिसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा संबंधित डिग्री कॉलेज  के छात्रों द्वारा प्राचीन इतिहास विभाग के शोध छात्र रंजीत कुमार सरोज के नेतृत्व में जारी है।उन्होंने बताया कि हमें लगातार छात्रों का समर्थन मिल रहा है विभिन्न विश्वविद्यालयों में चल रहे आंदोलन के सदस्यों के द्वारा भी बातचीत जारी है और जल्द ही इसका निर्णय माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा किया जा सकता है । उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय के लगभग सभी बुद्धिजीवी प्रोफेसरों का सहयोग लगातार मिल रहा है और आगे की रणनीति कोर कमेटी द्वारा तय की जाएगी। कल माननीय सांसद कौशांबी श्री विनोद सोनकर ने शोध छात्रों के हित को देखते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति को एक लेटर भेजा है जिसमें उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर नियुक्ति प्रक्रिया को अविलंब रोकने की बात कही...